प्यार कर हर इन्सां से
हाथ जोड़ विनती मेरी, है इस प्यारे जहाँ से |
ह्रदय का मैल मिटाकर सारा, प्यार करो हर इन्सां से |
मन में प्रेम का अंकुर उत्पन्न कर, शीतलता बन जाना है |
ह्रदय का मैल मिटाकर सारा, प्यार हर इन्सां से करना है |
शब्दों में कोमलता लेकर, ह्रदय में गीता का ज्ञान धरे |
बढ़ता जाए आपसी भाईचारा, ऐसा हमारा धर्म कहे |
वतन में फैली हिंसक पशुता को, प्रेम से आज मिटाना है |
ह्रदय का मैल मिटाकर सारा, प्यार हर इन्सां से करना है |
सत्य है केवल मानवता में, इसको ही अपनाना है |
नाच रही है जो दानवता, इसको जड़ से हटाना है |
विश्व में हमने भारत का, नाम अब चमकाना है |
ह्रदय का मैल मिटाकर सारा, प्यार हर इन्सां से करना है |
बापू का यह पावन देश, हिंसक भाव न हो मन में किसी के |
ऋषि-मुनियों की इस पावन भूमि पर, बैर से कोसो दूर रहे |
विश्व बंधुत्व की भावना हो सबकी, ऐसा मार्ग दिखाना है |
ह्रदय का मैल मिटाकर सारा, प्यार हर इन्सां से करना है |