प्यारे पापा(फादर्स डे पर)
गहरे हैं सागर से पापा
ऊँचे भी अम्बर से पापा
सहते कड़ी धूप हैं पापा
ईश्वर का ही रूप है पापा
स्वयं दीप से जलते पापा
लगता कभी न थकते पापा
एक रात दिन करते पापा
जीवन में सुख भरते पापा
दृढ़ हिमालय जैसे पापा
पूज्य शिवालय जैसे पापा
साया बनकर रहते पापा
कवच हमारा बनते पापा
अपना स्वेत बहाते पापा
सुविधा खूब जुटाते पापा
सख्त बहुत दिखते हैं पापा
लेकिन तुरत पिघलते पापा
घर पर करते शासन पापा
रखते भी अनुशासन पापा
घर का तो आधार हैं पापा
बच्चों का संसार हैं पापा
सपनों को सच करते पापा
हिम्मत दिल मे भरते पापा
घर की रौनक होते पापा
घर मजबूत बनाते पापा
जाने क्या क्या होते पापा
सबको प्यारे होते पापा
16-06-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद