प्यारा वतन
हर घङी बस चमन में अमन चाहिए,
हंसता मुस्कुराता वतन चाहिए।
खुश रहें सब यहां हो नहीं गम कहीं,
हर बुराई का’ बस अब पतन चाहिए।
प्यार हो हम सभी को वतन का सुनो,
राष्ट्र से प्रेम का ही व्यसन चाहिए।
हो सुगंधित धरा की महक से सदा,
इस तरह महकता ही सुमन चाहिए।
जब गिरूं भूमि पर छोङ के प्राण को,
देह पर भारती का कफन चाहिए।
पुष्प ठाकुर