प्यारा अपना गाँव (दोहे)
खेत मेढ कच्ची सड़क,पीपल की वो छाँव !
खोकर खुद ही खोजता,प्यारा अपना गाँव !!
दिनभर खेले धूप में,….. दौड़े नंगे पाँव !
उस बचपन की याद है, प्यारा अपना गाँव !!
रमेश शर्मा.
खेत मेढ कच्ची सड़क,पीपल की वो छाँव !
खोकर खुद ही खोजता,प्यारा अपना गाँव !!
दिनभर खेले धूप में,….. दौड़े नंगे पाँव !
उस बचपन की याद है, प्यारा अपना गाँव !!
रमेश शर्मा.