Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2017 · 1 min read

पैसे से ही पैसा

कहते हैं, दुनिया में …
पैसे से ही पैसा बनता है….
धन दौलत के व्रक्ष क्यों
उनके घरों में ही लगते हे

कोई कोई तो मेहनत
करते करते मरता
परंतू फिर भी यह पेड़
वहां क्यों नहीं पनपते हैं….

चापलूसी कर कर के
चपरासी भी आज
करोड़ पति बन बैठा है.
और एक कामगार
हाथ का स्किल कर्मचारी
बस हाथ ही मलता है……

कविअजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
2872.*पूर्णिका*
2872.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नन्दी बाबा
नन्दी बाबा
Anil chobisa
सरल जीवन
सरल जीवन
Brijesh Kumar
कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को, अब वही राहें घर से
कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को, अब वही राहें घर से
Manisha Manjari
मोबाइल
मोबाइल
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
'अशांत' शेखर
रख धैर्य, हृदय पाषाण  करो।
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
अभिनव अदम्य
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Harekrishna Sahu
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
■ 100% तौहीन...
■ 100% तौहीन...
*Author प्रणय प्रभात*
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है !
Akash Yadav
उसे मलाल न हो
उसे मलाल न हो
Dr fauzia Naseem shad
फेसबुक
फेसबुक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
Madhuyanka Raj
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
*
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
Pratibha Pandey
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
Pooja Singh
💐प्रेम कौतुक-226💐
💐प्रेम कौतुक-226💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं तो महज शराब हूँ
मैं तो महज शराब हूँ
VINOD CHAUHAN
अंकों की भाषा
अंकों की भाषा
Dr. Kishan tandon kranti
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...