पैसे की अहमियत
जिंदगी में पैसे की अहमियत तब पता चलती है
जब ना जेब में पैसा होता है ना बैंक बैलेंस होता है
छोटी-छोटी खुशियों के लिए दिन-रात सोचना पड़ता है पैसे के बिना तो खुशियाँ भी उधार नही मिलती है
जरूरत और खुशी में जरूरत को चुनना पड़ता है
पैसे की अहमियत जिंदगी में तब पता चलती है
जब खुशियों पर पैसे का डंडा चलता है
खुशियों और जरूरतों के लिए इंसान
दिन रात मेहनत करता है
तीज त्योहारों पर पैसा भारी पड़ता है
इस भीड़ भरी दुनिया में पैसा जरूरी होता है
पैसे के बिना जरूरतें कहां पूरी होती है
पैसा हो तो जरूरतें कम लगती है
जिनके पास नहीं है पैसा उनकी जरूरतें भी अधूरी लगती है जिनके पास है पैसा उनकी तो खवाहिश भी पूरी लगती है
पैसे की अहमियत का जिंदगी में पता चलता है
सोनल चौधरी
कानपुर