Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 2 min read

पृथ्वी

पृथ्वी कहती है युग मानव तुम ही मेरा अस्तित्व अभिमान।।
प्रकृति मूक मेरा श्रृंगार चाहत है तेरी बानी रहूँ जननी तू मत कर मेरा परिहास।।

मौसम ऋतुएं मेरा भाग्य सौगात बारिस से बुझती मेरी प्यास अन्न से तुझे धन्य कर देती अन्न मेरा आशीर्वाद।।

शरद शर्द मेरा स्वास्थ शिशिर हेमंत मेरी गर्मी श्वांस वसन्त यौवन का मधुमास।।

मां की कोख में नौ माह ही रहता मेरे आँचल में तेरे जीवन का पल पल पलता चलता लेता सांस।।

मैं तेरे भाँवो कि जननी तेरे मात पिता की भूमि अविनि तेरी मातृ भूमि तेरा पुषार्थ पराक्रम मान।।

मेरे एक टुकड़े की खातिर जाने कितने महासमर हुये मैं तो युग ब्रह्मांड प्राणि की माँ।।

जात पांत धर्म भाषा बोली तुमने कर डाले जाने कितने टुकड़े बांट लिया मेरे आँचल को चिथड़े चिथड़े ।।

मैं अविनि युग मानव करती तुमसे विनती मेरे टुकड़े ना होने दो ।।

तेरी खुशियों की खातिर टुकड़ो में बंट जाना भी दुःख दर्द नही।।

मेरी हद हस्ती को कुचल रहे प्रतिदिन मर्माहत रोती हूँ।।

तुमसे यही याचना मैं जननी जन्म भूमि हूँ वसुंधरा धरा करती हूँ धारण तुझको मेरी लाज बचाओ तुम।।

मैं मिट ना जाऊं अपना कर्तव्य निभाओ तुम।।

प्रकृति मेरा है प्राण मेरे यौवन का श्रृंगार मेरा प्राण बचा रहे शुख शांति पाओ तुम।।

जल ही जीवन जल अविरल निर्झर निर्मल मेरी जीवन रेखा ।।

जल संरक्षण मेरा संवर्धन धर्म ज्ञान विज्ञान जान।।

वन ही जीवन जंगल पेड़ पौधे
तेरे लिये ही तेरी खातिर तेरा मंगल।।

प्रकृति पर्यावरण मेरे दो आवरण
ना दूषित कर संकल्प तुम्हे लेना
है ।।

पृथ्वी प्रकृति पर्यावरण में ही तुझको जीना मरना है तुझको ही निर्धारित करना है।।

Language: Hindi
187 Views
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all

You may also like these posts

वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
Otteri Selvakumar
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
Shubham Anand Manmeet
4030.💐 *पूर्णिका* 💐
4030.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रंगों का त्योहार है होली।
रंगों का त्योहार है होली।
Satish Srijan
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
Sunil Maheshwari
- सड़क पर चलता राहगीर -
- सड़क पर चलता राहगीर -
bharat gehlot
" सजदा "
Dr. Kishan tandon kranti
इंतजार
इंतजार
NAVNEET SINGH
हौसला क़ायम रखना
हौसला क़ायम रखना
Shekhar Chandra Mitra
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
*अकड़ू-बकड़ू थे दो डाकू (बाल कविता )*
*अकड़ू-बकड़ू थे दो डाकू (बाल कविता )*
Ravi Prakash
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पितृपक्ष की विडंबना
पितृपक्ष की विडंबना
Sudhir srivastava
कृष्ण
कृष्ण
श्रीहर्ष आचार्य
छठ पूजन
छठ पूजन
surenderpal vaidya
जीवन जितना
जीवन जितना
Dr fauzia Naseem shad
"सुननी की ललूआ के लईका"
राकेश चौरसिया
झुंड
झुंड
Rekha Drolia
पहले अपने रूप का,
पहले अपने रूप का,
sushil sarna
कथित परिवारवाद-विरोधी पार्टी अब अपने पुछल्ले की हारी हुई बीव
कथित परिवारवाद-विरोधी पार्टी अब अपने पुछल्ले की हारी हुई बीव
*प्रणय*
हरि कथन
हरि कथन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
प्रश्न मुझसे किसलिए?
प्रश्न मुझसे किसलिए?
Abhishek Soni
A Girl Child
A Girl Child
Deep Shikha
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मां बेटी और बहन, महिलाओं का शश्क्तिकरण ।
मां बेटी और बहन, महिलाओं का शश्क्तिकरण ।
Jaikrishan Uniyal
और एक रात! मध्यरात्रि में एकाएक सारे पक्षी चहचहा उठे। गौवें
और एक रात! मध्यरात्रि में एकाएक सारे पक्षी चहचहा उठे। गौवें
पूर्वार्थ
Loading...