पूर्ण
पूर्णता में अपूर्ण
सहजता में असहज
जीवन की महागाथा
शब्दों संग दुरूह
तरंगों की अनुभूति
ब्रह्मांड से सानिध्य
पाने- खोने को
त्याग कर—
प्रकृति में विलीन
स्वीकारना ही
सहजता है,
और
मानवता ही पूर्ण||
पूर्णता में अपूर्ण
सहजता में असहज
जीवन की महागाथा
शब्दों संग दुरूह
तरंगों की अनुभूति
ब्रह्मांड से सानिध्य
पाने- खोने को
त्याग कर—
प्रकृति में विलीन
स्वीकारना ही
सहजता है,
और
मानवता ही पूर्ण||