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4 Feb 2024 · 1 min read

पूज्य पिता की पुण्यतिथि

आज पुण्यतिथि पूज्य पिता की, दिनभर याद रही आती
उनके शुभाशीष से ऊर्जा, मेरी कलम रही पाती

उनके साथ तीर्थयात्राएं, की हैं मैंने बहुतेरी
एकादश ज्योतिर्लिंगों की, उनके साथ हुई फेरी
हर यात्रा का अपना अनुभव, याद हृदय को हुलसाती
आज पुण्यतिथि पूज्य पिता की, दिनभर याद रही आती

देखे शक्तिपीठ बहुतेरे, पहुंचे थे जब कामाख्या
घंटों लगना पड़ा लाइन में, दर्शन की अपनी आख्या
वीआईपी दर्शन करने की, बात न थी उनको भाती
आज पुण्यतिथि पूज्य पिता की, दिनभर याद रही आती

मथुरा काशी और अयोध्या, बार अनेक पड़ा जाना
चित्रकूट में कामदगिरि को, साक्षात प्रभु ही माना
अन्त समय तक आत्मिक ऊर्जा, रही परिक्रमा करवाती
आज पुण्यतिथि पूज्य पिता की, दिनभर याद रही आती

एक बार नैमिषारण्य भी, उनके साथ गया, घूमा
चक्रतीर्थ में स्नान किया औ’ मां ललिता के पद चूमा
मैहर और अमरकंटक की, याद न अंतस से जाती
आज पुण्यतिथि पूज्य पिता की, दिनभर याद रही आती

पूज्य पिता बानबे वर्ष तक, स्वस्थ रहे, कीं यात्राएं
उनकी सुस्मृति में जीकर हम, कविता रचें, गीत गाएं
वे उत्कट कविता- प्रेमी थे, कविता है उनकी थाती
आज पुण्यतिथि पूज्य पिता की, दिनभर याद रही आती

@ महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 115 Views
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