पुस्तकें
पुस्तकें
कुछ अनकही बातों की दास्तां होती है पुस्तकें
दिल में दबी बातों की जुबां होती है पुस्तकें
जो कभी वृद्ध न हो ऐसी जवां होती है पुस्तकें
अनिद्रा में निद्रा की दवा होती है पुस्तकें
अनदेखी घटनाओं की गवाह होती है पुस्तकें
घनी अंधेरी रात के बाद की प्रभा होती है पुस्तकें
मिटाए अंधियारा दिलों में वो चिराग होती है पुस्तकें
थकावट में राहत का भंडार होती है पुस्तकें
अज्ञान में ज्ञान का प्रकाश होती है पुस्तकें
ग्रीष्म में शीतल हवा सा अहसास होती है पुस्तकें
शीत में सुहाना सा ताप होती है पुस्तकें
बारिश में इंद्रधनुष का अवतार होती है पुस्तकें
और जो दिल को सुकून दे, निराशा में जुनून दे
बंजर धरा में प्रसून दे,जो सुप्त हृदय को धून दे
ऐसी ही कुछ वरदान होती है पुस्तकें।।
नन्दलाल सुथार