Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2022 · 1 min read

“पुष्प की वेदना”

“पुष्प की वेदना”
================

कलियों से बनते पुष्प,
जीने की अभिलाषा लिए हुए,
कंटको मध्य मुस्कुराना सीखा,
कांटों से चोट खाकर,
जब सर-सर तेज हवा चली,
डालियां मदमस्त झूमने लगी,
पंखुड़ियां छिन्न-भिन्न हुई,
पुष्प टूटकर बिखरने लगे,
तब सहसा सोचने लगा पुष्प —-

हमारा अस्तित्व ही क्या?
कोई तोड़ ले, फेक दे हमें,
आज मेरी बारी, कल सबकी,
माली आकर उपवन में,
कलियों को तोड़ ले जाता है,
कभी राहगीर तलाशते हैं,
शेष बचे फूलों के डाल,
फिर चढ़ जाते है सुर की वेदी,
या बन जाते है गले का हार,
महत्वहीन हो जाते हैं,
जब धरती पर बिखर जाते हैं,
कोई पैरो तले कुचल देता है,
कोई माथे से लगा लेता है।।

वर्षा (एक काव्य संग्रह) से/राकेश चौरसिया

Language: Hindi
1 Like · 146 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राकेश चौरसिया
View all
You may also like:
छोटे छोटे सपने
छोटे छोटे सपने
Satish Srijan
शबे दर्द जाती नही।
शबे दर्द जाती नही।
Taj Mohammad
कोशी के वटवृक्ष
कोशी के वटवृक्ष
Shashi Dhar Kumar
ज़िंदा हूं
ज़िंदा हूं
Sanjay ' शून्य'
आँख अब भरना नहीं है
आँख अब भरना नहीं है
Vinit kumar
// ॐ जाप //
// ॐ जाप //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"रंग का मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
टूट कर भी
टूट कर भी
Dr fauzia Naseem shad
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
*अज्ञानी की कलम  *शूल_पर_गीत*
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
चाहती हूँ मैं
चाहती हूँ मैं
Shweta Soni
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
Harminder Kaur
झूठ का अंत
झूठ का अंत
Shyam Sundar Subramanian
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
तुम्हें कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
तुम्हें कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
*Author प्रणय प्रभात*
पर्यावरण है तो सब है
पर्यावरण है तो सब है
Amrit Lal
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
surenderpal vaidya
Acrostic Poem
Acrostic Poem
jayanth kaweeshwar
परोपकार
परोपकार
Raju Gajbhiye
आम आदमी की दास्ताँ
आम आदमी की दास्ताँ
Dr. Man Mohan Krishna
कोरे कागज़ पर
कोरे कागज़ पर
हिमांशु Kulshrestha
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
Subhash Singhai
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दीदार
दीदार
Vandna thakur
विश्वगुरु
विश्वगुरु
Shekhar Chandra Mitra
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
कैसा दौर आ गया है ज़ालिम इस सरकार में।
कैसा दौर आ गया है ज़ालिम इस सरकार में।
Dr. ADITYA BHARTI
3340.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3340.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
शेखर सिंह
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
Loading...