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14 Feb 2022 · 1 min read

पुलवामा

“पुलवामा”
देखा था नन्हे हाथों को अर्थी पर फूल चढाए थे,
माँ,बहन,बीवी,बच्चे सब बिलखे थे, चिल्लाये थे,
अब ऐसे मे तुम ही कह दो कैसे हम मुस्काएं,
मन है व्यथित हमारा बोलो कैसे फाग सुनाएं “

Language: Hindi
1 Comment · 283 Views
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