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14 Jul 2020 · 1 min read

“पुलवामा,खून में डूबी जमी हमारी”

फिर खून मे, डूबी है जमीं हमारी.
कइयों ने एक पल मे, जान गवा दी.
आसुओ मे, डूबा है कइयों का घर.
पीछे से वार किया, था वो ऐसा कायर.
एक माँ का लाल कह गया, माँ से मे जल्दी लोट कर आऊंगा.
अबकी होली माँ मे, अपने ही घर मनाऊंगा.
क्या बीती होंगी माँ पर, जब खबर मौत कि आई थी.
उसके प्यारे लाल ने, होली अपने खून से ही मनाई थी.
फिर खून मे डूबी, जमीं हमारी.
कइयों ने एक पल मे जान गवा दी.
देख दशा बेटियों कि ये धरती, आकाश भी दुख मे रोये है.
जब शहीदो कि पत्नियों ने, अपने हाथो सिंदूर अपने धोये है.
आज हर एक भारतीय के दिल मे, सोला भड़का है.
आतंकवाद ख़तम करो, पुरा भारत एक साथ अब गरजा है.
बदला लेगे, ना बनने देंगे सिर्फ कहनी.
फिर खून मे डूबी, जमीं हमारी.
कइयों ने एक पल मे, जान गवा दी.
उन बच्चों से पूछो किया गुजरी है उन पर, जब तिरंगे मे लिपटे हुए अपने पिता को देखा होगा.
दुख किया दूर करेगा कोई उनका,
उनका तो सारा संसार ही खोया होगा.
पुलवामा मे खून से लतपत हुई शहीदो कि जवानी.
सबके मुख से निकले अब तो, राम नाम कि वाणी
बहनो का प्यार थी वो राखी, बूढ़े बाप ने खोदी अपनी लाठी.
फिर खून मे डूबी, जमीं हमारी.
कइयों ने एक पल मे,जान गवा दी.

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 377 Views
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