पुरुष तो पुरुष होते है…
यशोधरा व राहुल के हिस्से जीवन की मुश्किलें,
फिर भी पुरुष बुद्ध कहलाये।
यशोदा व सुकन्या के हिस्से जीवन की मुश्किलें,
फिर भी पुरुष महावीर कहलाये।
लेकिन पुरुष तो पुरुष होते है…
अहिल्या के हिस्से पाषाण होने का श्राप,
फिर भी पुरुष महाऋषि कहलाये।
अहिल्या के हिस्से सतीत्व जाने का दुःख,
फिर भी पुरुष देवेंद्र कहलाये।
लेकिन पुरुष तो पुरुष होते है…
द्रौपदी के हिस्से जुए में हार जाने का दुःख,
फिर भी पुरुष धर्मराज कहलाये।
विवाह रुक्मिणी से और प्रेम राधा के हिस्से,
फिर भी पुरुष कृष्ण कहलाये।
लेकिन पुरुष तो पुरुष होते है…
मंदोदरी के हिस्से पति की बेवफाई,
फिर भी पुरुष महाबली कहलाये।
सीता के हिस्से पति के साथ छूटने का दुःख,
फिर भी पुरुष श्रीराम कहलाये।
लेकिन पुरुष तो पुरुष होते है…
©✍️ शशि धर कुमार