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15 Mar 2023 · 1 min read

पुरुष की अभिलाषा स्त्री से

पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
स्त्री तुम खुदके लिए जीना छोड़ दो
सुनती रहो करती रहो सबके मन की
कुछ कहना छोड़ दो
स्त्री तुम खुदके लिए जीना छोड़ दो
सिमट जायेगा अस्तित्व मुझमें ही तुम्हारा
तुम अपनी पहचान छोड़ दो
तुम फूलों सी खिलखिलाती रहो
कलियों की तरह परिवार के गुलशन को महकाती रहो
स्त्री तुम अपने दर्द में घुल कर मुरझाना छोड़ दो
स्त्री तुम खुद के लिए जीना छोड़ दो
तुम्ही सबकी आशा तुम्ही विश्वास तुम्ही प्रेम
तुम अपने होने का भ्रम तोड़ दो
स्त्री तुम खुद के लिए जीना छोड़ दो।

Language: Hindi
3 Likes · 572 Views

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