मुद्दतों बाद
कैसे कह दूं कि तुम मेरे नहीं हो
जब सामने चेहरे नहीं हो
चेहरों के तकल्लुफ की बात करते हो
और पीठ पीछे मेरे दुख की बात करते हो
मैं जब जागा हुआ था
जिंदगी से भागा हुआ था
आज तराशा है मैंने मेरे को
आज तलाशा है मैंने मेरे को
एक मुद्दतों बाद खुद से मिला हूं
एक मुद्दतों बाद मैं आज खिला हूं