पुरखा के बदौलत
पुरखा के बदौलत
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पितर पाख सिरागे,
फेर पूरखा ल नई भुलावव।
पुरखा के बदौलत ये,
जऊन मैं इंहा जिंदा हावव।।
ददा के ददा पुरखा ददा
तुंहर दया म अइस मोर ददा
नई कर सकव मैं तुंहर
करजाअदा,मोर पुरखा बबा।
दाई के दाई,ममा दाई
ददा के दाई मोर कका दाई
मोर रग रग दौड़त हवय
तुंहर सुंदर दिये खुन हर माई।
गोड़ लगव,पईंया परव
जनम जनम मैं पुरखा के दाई
तन हवय,मोर मन हवय जीवन समर्पित पुरखा ल दाई
पितर पाख भले सिरागे,
पुरखा ल नई भुलावव भाई।
पुरखा के बदौलत ये तन
जिंदा हवय ये धरती म भाई।।
जानत रिहिस कोन इंहा मोला
नई रिहिस दुनिया म संचार।
पुरखा के कृपा दृष्टि म लाईंस
दाई ददा देइस हे अवतार।।
खोजत खोजत चल पड़ेव
पुरखा के मैं संचार।
आदि पुरखा खोज निकालेव
सबके दाता सीताराम ।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग