✍️✍️पुन्हा..!✍️✍️
✍️✍️पुन्हा..!✍️✍️
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पुन्हा..!
कातरवेळी
क्षुद्र काळजात
उजळी स्वप्नदिवा ।
आयुष्याचे
अग्निदिव्य
पेलतांना पायात
येई अग्निनिवा ।।
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✍️”अशांत”शेखर✍️
07/06/2022
✍️✍️पुन्हा..!✍️✍️
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पुन्हा..!
कातरवेळी
क्षुद्र काळजात
उजळी स्वप्नदिवा ।
आयुष्याचे
अग्निदिव्य
पेलतांना पायात
येई अग्निनिवा ।।
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✍️”अशांत”शेखर✍️
07/06/2022