पी टी आई
पी टी आई का रोजगार छिन गया
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दो टूक रोटी का निवाला छिन गया
पी टी आई का रोजगार छिन गया
दस साल से थे सेवा में सेवारत
सरकारी सेवा नजराना छिन गया
रोजगार गवा कर बैरोजगार हुए
गंदी राजनीति से ओहदा छिन गया
रौनक ए बहारां थी घर के अन्दर
खुशियों का खजाना है छिन गया
निष्ठा लगन से शिक्षेत्र में सेवा की
सेवा का मेवा पल में है छिन गया
कर्मचारी से ज्यादा दोषी नियोक्ता
बेगुनाह का सिराहना है छिन गया
बैंक से ऋण ले आशियाने बनाये
किस्त भुगतान जरिया छिन गया
उम्र के अंतिम पड़ाव में क्या करें
रोजगार पाने का हक छिन गया
तन मन धन से हो गए हैं लाचार
जिंदगी जीने का बहाना छिन गया
रोजगारोन्मुखी नीतियां निष्ठुर हुई
वेतन पाने का अधिकार छिन गया
कैसे करेंगे वो पीड़ित गुजर बसर
गुजारे का ये जरिया है छिन गया
बच्चों की परवरिश होगी बाधित
सुनहरी भविष्य भी है छिन गया
गर बीच का रास्ता जाए निकल
अन्यथा अंतिम सहारा छिन गया
सुखविंद्र काश हो कोई करिश्मा
जीवन जीने का हक है छिन गया
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी रिओ वाली (कैथल)