“पिरामिड”
“पिरामिड”
रे
गुँजा
बावरी
मदमाती
उन्मुक्त बाँदी
घुँघराले बाल
लहराए नागिन॥-1
रे
गुँजा
भ्रामरी
सुनयना
घुँघची अली
मनचली गली
नव खेल खिलाती॥-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
“पिरामिड”
रे
गुँजा
बावरी
मदमाती
उन्मुक्त बाँदी
घुँघराले बाल
लहराए नागिन॥-1
रे
गुँजा
भ्रामरी
सुनयना
घुँघची अली
मनचली गली
नव खेल खिलाती॥-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी