पिया
विरह का चूल्हा,
आस खौलाए ,
धैर्य के बुलबुले,
उफन-उफन जाए !
मन का कुल्हड़,
यादों की चाय,
तन्हाई के हाथों,
छलक ही जाए !
धड़कनों के ढोल,
प्रीत थाप लगाए,
मुस्कान होंठों पर,
थिरक-थिरक जाए!
मेघ के रिक्शे,
वर्षा को बिठाए,
देहरी उतारे, हाय!
पिया न आए !
सर्वाधिकार सुरक्षित -पूनम झा ( महवश)