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11 Jul 2023 · 1 min read

*पियक्कड़* (हास्य कुंडलिया)

पियक्कड़ (हास्य कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■
श्रद्धा से अभिभूत है , एकनिष्ठ है प्यार
सबसे जग में दूरियाँ , प्याला केवल यार
प्याला केवल यार , धन्य है पीने वाला
सुबह दोपहर शाम ,साँस में बस मधुशाला
कहते रवि कविराय , होंठ पर रखता अद्धा
यों दिन की शुरुआत,पियक्कड़ की यह श्रद्धा
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 761 5451

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