पितृ मोक्ष अमावस्या पूर्वजों के विदाई की वेला
पूर्वज अपनी संतान देखने, पितृ लोक से आए
प्रिय जनों ने पितृ पक्ष में, पलक पांवड़े बिछाए
श्रद्धा सहित निज संतानों ने, पूर्वजों का श्राद्ध किया
प्रेम सहित निज संतानों को, पूर्वजों ने आशीष दिया
आज विदा की बेला है, स्वर्णिम यादों का मेला है
अमर आत्मा का प्रतीक, पितृ पक्ष अलबेला है
जाओ प्रियजन लोक को अपने, भूल चूक माफ करना परम कृपालु मातृ पितृ,अपना आषीश बनाए रखना
सदा चलें सतपथ पर हम सत्य सनातन साथ रहे
सुख समृद्धि और शांति जीवन में उल्लास रहे
अगले साल फिर प्रियजन अपने घर में आना
जन्म जन्म के रिश्ते फिर से आन निभाना
सभी पूर्वजों के श्री चरणों में श्रद्धा सहित नमन।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी