*”पितृ देव”*
“पितृ देव”
पूर्वजों की छत्रछाया में पले ,
पितरों की याद में नीर बहे।
विदा हो गए जो इस जीवन से,
सुखद पलों के लम्हें सांझ ढले।
प्रेम तपस्या संघर्ष बलिदानी को ,
आजीवन अमर कहानी उनकी कहे।
भींगी पलकों से बिछुड़े परिजनों को,
जलांजलि तर्पण कर हाथ जोड़ नमन अश्रु धारा जल बहे।
सुख संपत्ति शांति मय जीवन ,
कृपा दृष्टि दया आशीष वचन कहे।
नक्षत्रों से उतर आए पूर्वज सुख सौभाग्य का वरदान हमें मिले।
जीवन का काज संवारे उनके नाम से जुड़े हैं हम संतान वो हमारे रखवाले।
*”देवताभ्यः पितृमपश्च महायोगिभ्यः च,
नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव नमो नमः”*
*देवताओं ,पितरों ,महायोगिनियों,
स्वधा और स्वाहा को मेरा सर्वदा नमस्कार है नमस्कार है;*
सर्व पितृ देवताभ्यो नमः???
शशिकला व्यास✍️