पितृ तर्पण
आई तुम्हारी मधुर याद, नयन नीर भर आए
साथ बिताए सुखद पलों का, ज्वार है दिल में आए
हे पितृ तुम्हारे श्री चरणों में, श्रद्धा भाव समर्पण हैं
अश्रुविंद के गंगाजल से, स्वीकार करो निज तर्पण है
प्रेम तपस्या बलिदानों की, तुम हो अमिट कहानी
भूल नहीं सकते आजीवन, दादा दादी नानी
हे पितृ तुम्हारे चरणों में, अर्पित श्रद्धा का पानी
मात-पिता ताऊ ताई चाचा चाची मामा माईं
भीगी पलकें हे प़ियजन, जब याद तुम्हारी आई
हे पितृ तुम्हारे श्री चरणों में, मेरा सहज समर्पण है
अश्रु बिंदु के गंगाजल से, स्वीकार करो निज तर्पण है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी