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1 Oct 2023 · 1 min read

पितृपक्ष में तर्पण

पितृपक्ष में तर्पण
————-
पितृपक्ष में हर वर्ष सभी,
श्राद्ध, तर्पण है करते।
अपने पूर्वजों का ऋण हम,
सभी सद्कर्मों से चुकाते।।

भारत भूमि संस्कारों की जननी,
जिस धरा में गऊ माता भी पूजी जाती।
माता-पिता होते भगवान के जैसे,
यहां मृतात्माओं की सेवा होती।।

पुरखों की आत्माएं जब आशीष देती,
जिंदगी में तभी हमारे,रहमतें बरसतीं हैं
बुजुर्गो की दुआओं से हम सबकी,
कायनात मुस्कुराने लगती है।।

अपने पुरखों का ऋण हम कभी,
जीवन में भी चुका न पायेंगे।
आपका दिया हुआ ‘मां,ये जीवन है,
हम दूध का कर्ज कभी चुका न पायेंगे।

सदियों से चली आ रही यह परंपरा,
पितरों को भक्ति भाव से करें अर्पण।
अपने पुरखों को प्रसन्न करके,
तुम पूरा कर पाओगे तर्पण।।

सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर

Language: Hindi
135 Views
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