Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2020 · 1 min read

पिता

वो मुझे पोधा समझकर पालना याद आता है
वो खेतों मै तुम्हारा काम करना याद आता है
वो कंधे पे बिठा मेला घूमना याद आता है
मेरे बचपन का हर गुजरा जमाना याद आता है

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
The_dk_poetry
बारिश
बारिश
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बारिश
बारिश
Sushil chauhan
बचपन
बचपन
Anil "Aadarsh"
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
हर हर महादेव की गूंज है।
हर हर महादेव की गूंज है।
Neeraj Agarwal
मुसाफिर हो तुम भी
मुसाफिर हो तुम भी
Satish Srijan
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
Arvind trivedi
यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
Rj Anand Prajapati
उर्वशी की ‘मी टू’
उर्वशी की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
Ranjeet kumar patre
विश्व वरिष्ठ दिवस
विश्व वरिष्ठ दिवस
Ram Krishan Rastogi
*केले खाता बंदर (बाल कविता)*
*केले खाता बंदर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
रिहाई - ग़ज़ल
रिहाई - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#काव्यात्मक_व्यंग्य :--
#काव्यात्मक_व्यंग्य :--
*Author प्रणय प्रभात*
मां बताती हैं ...मेरे पिता!
मां बताती हैं ...मेरे पिता!
Manu Vashistha
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
VINOD CHAUHAN
बस चार है कंधे
बस चार है कंधे
साहित्य गौरव
सुनो द्रोणाचार्य / MUSAFIR BAITHA
सुनो द्रोणाचार्य / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
जगदीश शर्मा सहज
आईना
आईना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
💐प्रेम कौतुक-395💐
💐प्रेम कौतुक-395💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"तोता"
Dr. Kishan tandon kranti
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
Loading...