पिता
पिता समान न जग में कोई,
पिता सभी की जान है,
पिता नहीं तो कुछ भी नहीं है,
पिता है तो जहान है।।
पिता से ही दिन, पिता से ही रात है,
पिता से ही सुबह, पिता से ही शाम है।।
पिता हैं डेडी, पिता है पापा,
पिता है जनक, पिता ही तो चारोंधाम है,
पिता से ही रौनक,
पिता से ही बरकत,
पिता हमारा अभिमान है।।
पिता है मेहनत, पिता है हिम्मत,
पिता से ही सम्मान है,
पिता है जन्नत, पिता है रेहमत,
पिता सुखों की खान है।।
पिता ही आशा, पिता अभिलाषा, पिता शक्तिमान है,
पिता है तो इस जहाँ में, वहीं बड़ा धनवान है ।।