पिता
मन मे बाधा रहकर भी,
मुख में मुस्कान होने वाला।
पस्त होकर भी अपने परिवार का भूख मिटानेवाला।
अपना परिवार की खुशी देख ने केलिए पसीना निकालने वाला।
समस्यो से युद्ध करने वाला।
संसार का नावा चलाने वाला।
परिवार की आधार है पिता।
अपना परिवार के लिए हर पल चिंता करने वाला।
खतरो से सामने करने वाला।
अपने के लिए नही,
अपना परिवार के लिए सोचने वाला।
बच्चों के चहरे पर मुस्कान देख ने केलिए तडप ने वाला।
अपने परिवार की इच्छा पूरा करने वाला।
पिताजी! आप भगवान का स्वरुप है।
आपका साधार प्रणाम।
जि. विजय कुमार
हैदराबाद, तेलंगाना