पिता
दिन में सूरज, रात में चांद है,
पिता मेरे लिए पूरा आसमान है|
इच्छाएं मेरी, प्रयास उसके,
जीवन समस्या तो पिता समाधान है|
मन उलझे या दिल में उदासी हो,
साथ में पिता हो तो मुट्ठी में जहान है|
गणित सा जटिल, साहित्य सा भावुक,
पिता का दर्शन ही, मेरा मनोविज्ञान है|
मुझे आकार देने को लगा दे समस्त ऊर्जा,
पिता कुम्हार, कभी चित्रकार महान है|
मैं उजली रहूं, कर लिए खुद के कपड़े मैले,
अपने हाथों से मुझे ऊपर उठाए, पिता पहलवान है|