पिता से जीवन गुलजार
पिता से जीवन गुलजार
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पिता का साथ है तो जीवन गुलजार है,
उनसे ही परिवार के गुलिस्तां में
बहार है ।
कभी भी दिल उदास होता है,
आकर के प्यार से मीठी बातें करते हैंं।
खुशियां दें हम सबको पीड़ा अपनी
पी जाते हैं ।
कभी उफ नही करते,अपने कष्टों को
सह जाते हैं ।
बच्चों के लिए एक संबल बन जाते हैं।
कभी हंसी तो कभी सुख बन जाते हैं।
शिकायत कभी किसी से कोई नहीं
करते हैं ।
अमृत की तरह हर विपदाओं का
जहर पी जाते हैं ।
पिता का साथ है तो जीवन गुलजार है।
उनसे ही परिवार के गुलिस्तां में
बहार है———
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर