पिता सब कुछ हो तुम
कविता
पिता- सब कुछ हो तुम
मेरे लिये संसार हो तुम,
मेरे पास रहने वाले भगवान हो तुम,
मेरे लिए सब कुछ,वो इंसान हो तुम,
किसी दुष्ट से रक्षा करे वो हथियार हो,
जो मेरे साथ सदा रहे,
वो साया हो तुम,
मेरा धैर्य,मेरा साहस हो तुम,
जीवन में प्रेरणा का स्त्रोत व
ज्ञान का भंडार हो तुम,
मेरी सुबह शाम व
दिन रात हो तुम,
हर जगह,हर पल मेरे साथ हो तुम,
सूरज कि पहली किरण,
चन्दा की चाँदनी हो तुम,
जो अंधकार को दूर करें,
वो दीपक हो तुम,
मेरे जीवन रथ के सारथी हो तुम,
मेरे लिए जीवन कि परिभाषा हो तुम,
मेरा मान,सम्मान मेरा अहंकार हो तुम
मेरे जीवन का प्रकाश हो तुम
पिता नहीं मेरी जान हो तुम।
मेरे लिए संसार हो तुम,
मेरे पास रहने वाले भगवान हो तुम।
नाम- रघु जी.एस.जाटव
राघोगढ़ (म.प्र.)