पिता (मेरे पापा) बाल कविता
दिनाँक-19.04.2022
मंगलवार
बाल कविता
विषय—- पिता
शीर्षक–*.मेरे पापा*
मात्रा–16,16
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पापा मेरे प्यारे पापा।
जग में सबसे न्यारे पापा॥
रोज सबेरे जल्दी जागे।
चिंता मन में नींद्रा त्यागे॥
दिनभर मेहनत करे भारी।
पालन पोषण जिम्मेदारी॥
कठिन श्रम में बहता पसीना।
तप-तप जलना सार्थक जीना॥
सपने अपने कहाँ अधूरे।
शौक सभी के होते पूरे॥
मुश्किल में कब हारे पापा।
सबकी हिम्मत होते पापा॥
शान दायित्व खूब निभाते।
जटिल समस्या को सुलझाते॥
सबकी पीड़ा दूर भगाते।
अपनी पीड़ा कहाँ सुनाते?
काम करे सब ही हितकारी।
सभा समाज बने शुभ कारी॥
प्रेम सौहार्द पाठ पढ़ाते।
मिलजुल रहना सदा सिखाते॥
हृदय कोमल सरल भाव मृदा।
मुख पर रहती मुस्कान सदा॥
सौम्य संगठित रहते पापा।
हीरा अतुल अनमोल पापा॥
शीला सिंह बिलासपुर हिमाचल प्रदेश🙏