Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2022 · 1 min read

“पिता का साया”

सब की चाहत, कि हो जहाँ मेँ, कोई सरमाया,
परवरिश को है, पर दरकार, पिता का साया।

गोद मेँ ले के, मुहल्ले मेँ, हाट, मेले मेँ,
कभी बिस्किट, तो खिलौनों का कभी दिलवाना।

हार कर, थक के, पसीने मेँ भले तर आना,
काम से लौटकर, जी भर के, उसका दुलराना।

हिदायतें भी, हर क़दम की, याद हैं मुझको,
पकड़ के हाथ मेँ उँगली, वो राह चलवाना।

अपनी औलाद के आगे,न ख़ुद को कुछ गिनना,
फ़र्क बेटी मेँ, या बेटे मेँ, न हरगिज़ जाना।

जाके स्कूल, एडमिशन वो, झट से करवाना,
दीदे-पुरनम, मगर मुस्का के, छोड़ कर आना।

गरज़ कि लाड़ले को, कोई कुछ न कह पाए,
ख़र्च सब काट करके, फ़ीस मगर भर आना।

हुआ बीमार, तो सोना न, रात भर उसका,
जाके अच्छे से अच्छे, डाक्टर को दिखलाना।

इल्मो-तालीम हो आला, यही ख़्वाहिश उसकी,
सँस्कारोँ का, ख़ज़ाना हो, आँख का तारा।

भले ही माँ की, अहमियत है निराली “आशा”,
जगह पिता की भी, हरगिज़ न कोई ले पाया..!

##———–##———–##————##———

रचयिता
Dr.asha kumar rastogiM.D.(Medicine), DTCD
Ex.Senior Consultant Physician, district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist, sri Dwarika hospital, near sbi Muhamdi, dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964

472 Likes · 656 Comments · 2548 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
ग़ज़ल _क़सम से दिल में, उल्फत आ गई है ।
ग़ज़ल _क़सम से दिल में, उल्फत आ गई है ।
Neelofar Khan
बदल गया परिवार की,
बदल गया परिवार की,
sushil sarna
उलझा रिश्ता
उलझा रिश्ता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मुझको मिट्टी
मुझको मिट्टी
Dr fauzia Naseem shad
माई-बाप
माई-बाप "व्हीव्हीआईपी" हों तो छोरा-छोरियों का "व्हीआईपी" बनन
*प्रणय*
हार नहीं मानेंगे, यूं अबाद रहेंगे,
हार नहीं मानेंगे, यूं अबाद रहेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिंदी दोहे- पंडित
हिंदी दोहे- पंडित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ਅੱਜ ਕੱਲ੍ਹ
ਅੱਜ ਕੱਲ੍ਹ
Munish Bhatia
ज्ञान -दीपक
ज्ञान -दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
समझ आये तों तज्जबो दीजियेगा
समझ आये तों तज्जबो दीजियेगा
शेखर सिंह
वक्त
वक्त
Jogendar singh
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (भजन)*
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (भजन)*
Ravi Prakash
"करिए ऐसे वार"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ भारती की पुकार
माँ भारती की पुकार
लक्ष्मी सिंह
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
3572.💐 *पूर्णिका* 💐
3572.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*लू के भभूत*
*लू के भभूत*
Santosh kumar Miri
ये साथ चलने के लिए निकले थे लोग कितने।
ये साथ चलने के लिए निकले थे लोग कितने।
Phool gufran
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
तन अर्पण मन अर्पण
तन अर्पण मन अर्पण
विकास शुक्ल
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
चांद तो चांद ही
चांद तो चांद ही
shabina. Naaz
मज़दूर
मज़दूर
Neelam Sharma
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
अंजानी सी गलियां
अंजानी सी गलियां
नेताम आर सी
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
Dr Archana Gupta
माँ सरस्वती वंदना
माँ सरस्वती वंदना
Karuna Goswami
Try to find .....
Try to find .....
पूर्वार्थ
Loading...