पिता का प्यार
पिता का प्यार
दिखता नहीं
ना आखों में,
ना बातों में,
बस वो तो कर जाता
जो करना होता।
जो अपने बच्चों के
लिए बेहतर होता..
दर्द में भी आसुं ना लाता
खुद को छोड़, सारे
परिवार की जो फिक्र है करता
बस ऐसा होता पिता..
प्यार जिसका दिखता नहीं,
पर किसी से छुपता भी नहीं।
By: पोइट्री खाखोलिया मूंदड़ा