पिता आसमान की तरह होते हैं
बहोत जताते नही हैं
अपने जज़्बात दिखाते नही हैं
जिस तरह मां रो देती है
बच्चों की हर तकलीफ देखकर
पापा पहले हिम्मत देते हैं
मगर जब वो रोते हैं
आंसू पलकों तक आते नही हैं
बच्चों की बचपन की शैतानियां
सिर्फ मां भर को नही
पापा को भी याद है
मगर वो कभी बताते नही हैं
बच्चों की गलतीयों पर उन्हें डाटते हैं
जब खूब गुस्सा होते हैं तो
थप्पड़ मारने को हाथ उठाते हैं
मगर कभी मार पाते नही हैं
दिन रात की थका देने वाली मेहनत करके
पाई पाई जुटाते हैं
बच्चों के सपनो को पुरा करने के लिए
जब बच्चों को चैन की नींद सोता हुआ देखते हैं
तब जाकर कही सुकून की नींद सो पाते हैं
पापा उँगली पकड़कर चलना सिखाते हैं
हाथ पकडकर सच का सामना करना
सपने से झकझोर कर कभी जगाते नही हैं
और कभी झूठे सपने दिखाते नही हैं
दीवार बनकर खड़े होते हैं
हर मुश्किल के सामने
अपने सपने भुलाते हैं वो
खुद भूखे क्यो ना हो
पहले भर पेट बच्चों को खिलाते हैं वो
कामयाब जब बच्चा होता है
खुशी से फूले नही समाते हैं वो
जमी जैसी है गर मां की ममता
तो पिता आसमान की तरह होते हैं
बच्चे भले भुल जाए माता पिता अपने
माता पिता कभी अपने बच्चे भुलाते नही हैं