पितरों का आशीर्वाद है!
पितृपक्ष विशेष!
जहां जहां श्रध्दा है,
वहीं वहीं श्राद्ध है।
आज हम जो भी हैं,
पितरों का आशीर्वाद है।
उन्नति ,सुख-दुःख बैभव,
आस और उत्साह है।
हो रहा है सब मंगल,
पितरों का आशीर्वाद है।
पितृ हैं हमारे रक्षक,
अदृश्य शक्ति रूप हैं।
परमात्मा स्वरूप वो,
हम सभी के भूप हैं।
तर्पण की प्रति बूंद बूंद में,
हमारा सम्पूर्ण समर्पण है।
तिल,जौं,चावल और कुशा ,
सब से पितरों का तर्पण है।
स्वान और गौ माता का ,
प्रति ग्रास आपको अर्पण है।
कौआ,कन्या,और जलचर के,
रूप में आपका वंदन है।
सभी पूर्वजों ,पितरों का,
बारम्बार धन्यवाद है।
आज हम जो भी हैं,
पितरों का आशीर्वाद है।
आज इस ‘दीप’ का,
जितना भी प्रकाश है।
लेखनी जो लिख रही,
पितरों का आशीर्वाद है।
-जारी
-©कुल’दीप’ मिश्रा
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