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7 Feb 2022 · 1 min read

पाषाण से विज्ञान तक

विज्ञान *वरदान या *अभिशाप

मोबाइल से पहले मोबाइल था इंसान
साथ इसे रख हो गया कितना आसान.

आदि मानव युग को कहते युग पाषाण.
छोड व्यर्थ की जदोजहद अहं अभिमान.

दो बादलों की गति,निकले ध्वनि बिजली,
उष्मीय ताप से उत्पन्न जैविक कज्जली.

औजारों के निर्माण से पैदा हुई अग्नि.
आग लगी और जल गई चीड़ा और चीड़ी.

खाकर हुई भूख तृप्त, भोजन हुआ मांसाहार.
कंदमूल फल और कंदरा जीवन शाकाहार.

कुकुर को पहचान, रख लिया अपने साथ.
बना शिकारी कुत्ते भौंके हथियार लिए हाथ,

प्रकृति को समझा, डरे नहीं, होते रहा संवाद.
पृथ्वी, अग्नि, जल वायु आकाश मिले साथ.

देखो निसर्ग दूर हुआ,मोबाइल आ गया हाथ
तरहा तरह के भगवान बनाए चाबी रखे साथ.

सार्वजनिक सामुदायिक स्थल भगवत वास,
निजी संपत्ति घोषित कर,तोडी सब आस.

क्रमशः जारी

महेन्द्र सिंह हंस

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 280 Views
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