Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2020 · 1 min read

पार झरनों के

पार झरनों के कोई दुनिया बसा कर देखना
चाँद तारों में नया इक घर बना कर देखना

सब परिंदे उड़ गए तो ये शज़र फिर क्या करे
हिज़्र के इस दौर में भी मुस्करा कर देखना

सरसराहट सी हवाएँ कर रही मदहोश हैं
सायें सायें की धुनों पर गुनगुना कर देखना

दोस्तों सा कोई सानी इस ज़माने में नहीं
प्यार अपना दोस्ती से आज़मा कर देखना

आ रही है ये महक जो इस तरफ़ इक फूल है
मार डालेगा तेरा नज़रें झुका कर देखना

3 Likes · 2 Comments · 539 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
2604.पूर्णिका
2604.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
" देखा है "
Dr. Kishan tandon kranti
नियति को यही मंजूर था
नियति को यही मंजूर था
Harminder Kaur
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कब मरा रावण
कब मरा रावण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
- शेखर सिंह
- शेखर सिंह
शेखर सिंह
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
अतीत
अतीत
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
Slok maurya "umang"
नवम्बर की सर्दी
नवम्बर की सर्दी
Dr fauzia Naseem shad
सुख दुख
सुख दुख
Sûrëkhâ
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मन अपने बसाओ तो
मन अपने बसाओ तो
surenderpal vaidya
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
कबीरा यह मूर्दों का गांव
कबीरा यह मूर्दों का गांव
Shekhar Chandra Mitra
प्रेम
प्रेम
Dr.Priya Soni Khare
कौन कहता है कि नदी सागर में
कौन कहता है कि नदी सागर में
Anil Mishra Prahari
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
दिल के अहसास बया होते है अगर
दिल के अहसास बया होते है अगर
Swami Ganganiya
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
मैं गुजर जाऊँगा हवा के झोंके की तरह
मैं गुजर जाऊँगा हवा के झोंके की तरह
VINOD CHAUHAN
हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।
हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।
Phool gufran
*राम-सिया के शुभ विवाह को, सौ-सौ बार प्रणाम है (गीत)*
*राम-सिया के शुभ विवाह को, सौ-सौ बार प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
मिट्टी
मिट्टी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दान
दान
Neeraj Agarwal
Loading...