पारिजात छंद
2122 1212 22
मोहना मीत साँवरा प्यारा,
चैन खोया प्रिया हिया हारा।
मीत मन को सदा दुखाया क्यों?
चैन दिन- रैन का गँवाया क्यों ?
कोयलें कूकतीं वियोगन सी।
देह राधा हुई रि! जोगन सी।
प्रेम दिल में पिया जगाया क्यों?
प्रीति की डोर में बँधाया क्यों?
राधिका श्वास में बसे पी की
मौन को त्याग बोल दो जी की,
श्याम,राधा हिया बसाया क्यों?
राग मल्हार गुनगुनाया क्यों?
नीलम शर्मा ✍️