पायल
सजी पायल बजे घुंघरू,करे छम छम सुहाती है ।
बजी पायल करे घायल ,सजे पग में लुभाती है ।
चुराए मन मयूरा थाम लो उड़ती उमंगों को।
बड़ी चालाक है पायल, चुरा कर मन रिझाती है।
सजाना पायलों को तुम, हमारे प्यार की खातिर ।
बचाना घायलों को तुम ,हमारे यार की खातिर।
निशाना जब तुम्हारा ये,हमारा दिल बेचारा हो।
बजाना छन छना छन छन महज अभिसार की खातिर ।
सजाओ पायलों को जब ,तड़पता दिल हमारा हो।
पहन कर पायलों को जब फड़कता दिल तुम्हारा हो।
हमारा दिल तुम्हारा हो ,तुम्हारा दिल हमारा हो ।
सजे पायल करे कायल ,धड़कता दिल हमारा हो।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।
9450022526
स्वरचित व मौलिक रचना