पापा मेरे प्यारे हैं
पापा मेरे प्यारे हैं, बसते हमारी जान है।
पापा एक क्षत्रिय है राम से मिला है पुरुषार्थ
पाया युधिष्ठिर सा इंसाफ,सीखा दान करण से
पापा मेरे प्रेम का सागर ,रहता पानी नारियल जैसा
सब करता समाधान जैसे हिमालय के अडिग पहाड़
शैतानी करता जमकर मैं जब मिले उनका साथ
साहस जो मिल जाता उनसे, आखिर मेरे अक्षय कुमार
रहता हर डगर में पापा का साथ, कंधे पर उनका मेरा राज
जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी
भूत पिशाच निकट ना आते जब मै सोया उनके साथ
रोष प्रदर्शन करते जब ,खुला किस्मत का पिटारा मेरा
मेरी नादानी को करते नजरअंदाज़ ,है उनमें अलग अंदाज
सारथी वह मेरे रथ का जैसे अर्जुन का साथ कृष्ण का
गुरुकुल के मेरे गुरु, आदेश ना मानने पर मिले सजा
उनके स्कूटर के होर्न पर चलता मेरा जो राज
रहा मैं सबसे लड़ला जब मैं पड़ता बीमार कभी
मेरे पापा प्यारे हैं मुझे मै बसी जान – प्राण उनकी ।
गौतम तो आभगा है मिल पाया ना बाबा का प्यार
पर एक खुशी की सौगात मिली मैं भी अब पापा हूं
मुझे भी आभास है मेरे कंधो पर किसी का अधिकार है
जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी ।।
गौतम साव