*पापा क्यों नहीं आये*
प्यारे प्यारे चन्दा मामा
जग से न्यारे चन्दा मामा
आई मैं छत पर चोरी से
चुपके चुपके दबे पांव से
अपने नन्हें नन्हे कदमों से
अपनी माँ का आँचल छोड़
अपनी निंदिया से मुँह मोड़
तुझसे मैं कुछ कहने आयी
तुझसे मैं कुछ पूँछने आयी
सब दिन हैं बीते जाते
मेरे पापा क्यों नहीं आते
न जाने कितनी दूर गए
मेरे खेल खिलौने टूट गए
ये बात उन्हें बतलाते
मेरे पापा क्यों नहीं आते
अब कौन मुझे टहलाये
मुझको मेला दिखलाये
कोई राह मुझे बतलाते
मेरे पापा क्यों नहीं आते
अब किसकी ऊँगली थामूं
किसकी बाँहों में झूमूँ
ये बात उन्हें समझाते
मेरे पापा क्यों नही आते
जब वो वर्दी में आते
मेरे तन मन सिहराते
बड़े प्यार से गोद उठाते
मेरे पापा क्यों नहीं आते
एक बात बता,दे मुझे पता
किस जगह है ये कश्मीर ?
हुई कौन ख़ता क्यों रहे सता
लोग वहां के क्या होते हैं बेपीर
बेबस मेरे पापा के ऊपर
वह पत्थर क्यों बरसाते
मेरे पापा क्यों नहीं आते……क्यों….??