पापा आपकी आवाज़
शीर्षक:पापा आपकी आवाज
आपकी वो आवाज आज भी
कानो में गूँजती हैं जब आप पुकारते थे
एक नित नए प्यारे से नाम से मुझे
आपकी आवाज़ सुनने को आज भी
तरसती हूँ, खुद को समझाती हूँ
अपना कोई बस ही नही जीवन मरण पर
आज भी आपके स्पर्श की याद आती हैं
कभी कभी लगता हैं आप आज भी साथ है
आपको अपने करीब महसूस करती हूँ
आज भी आपका मेरे लिए चिंतित होंना
न जाने क्यों मन को व्यथित कर जाता हैं
सपने में भी कभी मिलन नही होता
आपकी बावरी सी बिटिया की तलाश
न जाने क्यों भटकती सी मन के किसी कोने में
आपकी यादो को आवाज को दिल मे संजोए
लगी हूँ जीवन संघर्ष यापन करने में
आज भी यादो से महक उठता हैं मन
पापा आपकी आवाज को याद कर
आपकी आवाज
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद