*पापड़ कौन बनाता घर में (हिंदी गजल/गीतिका)*
पापड़ कौन बनाता घर में (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
पापड़ कौन बनाता घर में
बाजारों से आता घर में
(2)
जन्मदिवस पर होटल जाते
अब है कौन मनाता घर में
(3)
स्वेटर रेडीमेड चल पड़े
कौन भला बुनवाता घर में
(4)
सबको होटल सूझ रहे हैं
फेरे कौन फिराता घर में
(5)
अंगीठी का गया जमाना
अब यह कौन जलाता घर में
(6)
रिश्तेदारी निभना मुश्किल
किसको कौन बुलाता घर में
(7)
पहले पंखा झलते थे खुद
अब ए.सी. इतराता घर में
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451