पान कि दुकान पर बैठा निठल्ला क्या सोचेगा
ये पप्पु क्या सोचेगा वो लल्ला क्या सोचेगा
पान कि दुकान पर बैठा निठल्ला क्या सोचेगा
जिसका नाम लेकर खुन बहा रहे हो अपनों का
जरा शर्म करो मेरे भाई वो अल्ला क्या सोचेगा
न बवाल करो न हंगामा करो न तमाशा करो
तुम इतना चिल्लाओगे तो हल्ला क्या सोचेगा
हर मसले का हल निकलेगा गर अमन से सोचो तो
तनहा घर में झगडा़ होगा पडो़शी झल्ला क्या सोचेगा