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13 Mar 2024 · 1 min read

पानी जैसा बनो रे मानव

पानी जैसा बनो रे मानव
जो अपना रास्ता स्वयं बनाता है,
पत्थर जैसे न बनो कभी तुम
जो दूसरों का भी रास्ता
रोक लेता है।

नीलम शर्मा ✍️

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