Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Aug 2016 · 1 min read

पानी का बुलबुला

पानी का बुलबुला ….

सुबह सुबह मिट्टी मे कुछ पंखुडी देख
कदम ठिठक गए

कौतूहल वश ……….
फूल की दशा देख मन बहक गया

गौर से देखा तो गुलाब की पंखुडी थी

याद आया अभी कल ही तो पौधे मे सजी थी

उसकी खूबसूरती सबको बहका रही थी

हर आने जाने वालो को ठगा रही थी

अपने यौवन पे चहक रही थी

पौधे की डाली पर गुमान से लहक रही थी

पर आज मलिन सी मिटटी मे पडी थी
न संगी न साथी अकेले ही पडी थी

मन चित्कार उठा ………….

सचमुच इंसान हो या पुष्प

सबकी यही नियति थी …

फिर क्यू राग ..द्वेष …और गुमान की द्रष्टी है

मिट्टी से उठा है मिट्टी मे मिल जाएगा

. पानी का बुलबुला है पल मे ढल जाएगा …

न कद्र स्वंय की करी है न ही करी थी

सचमुच गुलाब की पंखुडी मिट्टी मे मिली थी

न संगी न साथी अकेले ही पडी थी !
नीरा रानी ….

Language: Hindi
818 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
Shweta Soni
मुंहतोड़ जवाब मिलेगा
मुंहतोड़ जवाब मिलेगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
मुस्कुराना चाहता हूं।
मुस्कुराना चाहता हूं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
Ravi Prakash
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
ईश्वर का घर
ईश्वर का घर
Dr MusafiR BaithA
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
क्यों तुमने?
क्यों तुमने?
Dr. Meenakshi Sharma
💐 Prodigy Love-33💐
💐 Prodigy Love-33💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
आम आदमी
आम आदमी
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
......?
......?
शेखर सिंह
गणतंत्रता दिवस
गणतंत्रता दिवस
Surya Barman
#सनातन_सत्य
#सनातन_सत्य
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्तें मे मानव जीवन
रिश्तें मे मानव जीवन
Anil chobisa
अब जी हुजूरी हम करते नहीं
अब जी हुजूरी हम करते नहीं
gurudeenverma198
मिले तो हम उनसे पहली बार
मिले तो हम उनसे पहली बार
DrLakshman Jha Parimal
आओ हम सब मिल कर गाएँ ,
आओ हम सब मिल कर गाएँ ,
Lohit Tamta
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
Stop use of Polythene-plastic
Stop use of Polythene-plastic
Tushar Jagawat
जब-जब मेरी क़लम चलती है
जब-जब मेरी क़लम चलती है
Shekhar Chandra Mitra
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
पूर्वार्थ
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
सत्य कुमार प्रेमी
2830. *पूर्णिका*
2830. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...