पात्र (लोकमैथिली कविता)
पात्र-
पुराने छै
प्रवृति ओहे
परिस्थिति फरक
लोकसभ ओहे
पात्र-
दास छै
मानसिकता ओहे
समय बदलल
सोच ओहे
पात्र-
समूहमे छै
लठैती ओहे
नाम परिवर्तन
काम ओहे
पात्र-
मुठीभर छै
रौब ओहे
भूमिका अलग-अगल
फरमान ओहे
पात्र-
ठीकेदार छै
भाषा ओहे
नाटक परिवर्तन
कमाई ओहे
पात्र-
टिटही बनल छै
भूगोल ओहे
आबाज मुरछायल
ठेकने आकाश ओहे
पात्र-
ईनारक बेङ्ग छै
देखै वृत्तभरि संसार ओहे
टरटर पृथ्थक
दाबी ओहे
पात्र-
पुराने छै
प्रवृत्ति ओहे
बेर-बेर दोरायल
नाटक ओहे
#दिनेश_यादव (काठमाण्डू, नेपाल)