पाकीज़गी
धरती पर कयामत के हालात से बने हुए हैं,
ए खुदगर्ज इंसान ! यह सब खताएं है तेरी ।
महसूस होता है खुदा भी तुझे नाराज है ,
जबसे जुदा हुए तुझसे पाकीज़गी तेरी
धरती पर कयामत के हालात से बने हुए हैं,
ए खुदगर्ज इंसान ! यह सब खताएं है तेरी ।
महसूस होता है खुदा भी तुझे नाराज है ,
जबसे जुदा हुए तुझसे पाकीज़गी तेरी